सफर मे धुप तो होगी जो चल सको तो चलो,
सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो,
किसी के वास्ते राहें कहाँ बदलती है,
तुम अपने आप को ख़ुद ही बदल सको तो चलो,
यहाँ किसी को कोई रास्ता नहीं देता,
मुझे गिरा के अगर तुम संभल सको तो चलो,
यही है जिन्दगी कुछ ख्वाब चाँद उम्मीदें,
इन्ही खिलोनों से तुम भी बहल सको तो चलो,
सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो,
किसी के वास्ते राहें कहाँ बदलती है,
तुम अपने आप को ख़ुद ही बदल सको तो चलो,
यहाँ किसी को कोई रास्ता नहीं देता,
मुझे गिरा के अगर तुम संभल सको तो चलो,
यही है जिन्दगी कुछ ख्वाब चाँद उम्मीदें,
इन्ही खिलोनों से तुम भी बहल सको तो चलो,
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