Friday, December 21, 2012

ऐसा लगता है जिन्दगी तुम हो,

ऐसा लगता है जिन्दगी तुम हो,
अजनबी कैसे अजनबी तुम हो,

अब कोई आरजू नहीं बाकी,
जुस्तजू मेरी आखरी तुम हो,
 
मैं ज़मीन पर घना अँधेरा हूँ,
आसमानों की चांदनी तुम हो,

दोस्तों से वफ़ा की उम्मीदें,
किस ज़माने के आदमी तुम हो,

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